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श्रीलंका,नेपाल में पौधा -रस्म का संदेश अन्तर्राष्ट्रीय पौधा -रस्म प्रेरक पर्यावरण प्रेमी ओमप्रकाश‌ कुमावत 

प्रधान संपादक रूपचंद मेवाड़ा सुमेरपुर

रूपचंद मेवाड़ा प्रधान संपादक की रिपोर्ट 

श्रीलंका,नेपाल में पौधा -रस्म का संदेश अन्तर्राष्ट्रीय पौधा -रस्म प्रेरक पर्यावरण प्रेमी ओमप्रकाश‌ कुमावत 

कोई भी प्रसंग हो या उत्सव पौधा -रस्म अनुठी पहल नरेंद्र कुमार

इन्टरनेशनल पौधा-रस्म यात्रा के तहत भारत के पड़ोसी देशों में पौधा -रस्म कार्यक्रम आयोजित किया गया।पर्यावरण प्रेमी ओमप्रकाश‌ कुमावत इन्टरनेशनल पौधा-रस्म यात्रा के दौरान श्रीलंका,नेपाल, महाराष्ट्र,उत्तर प्रदेश सहित 12 दिवसीय यात्रा में आमजन में पर्यावरण के प्रति जागरूक हो पोस्टर माध्यम आमजन को जानकारी दी। यात्रा उपलक्ष में 51परिंडे वितरण का संकल्प लिया।

इसी क्रम में नेपाल काठमांडू में हाथो में पौधा लिए पोस्टर माध्यम से प्रचार करते हुए पर्यावरण प्रेमी ओमप्रकाश‌ कुमावत पौधा पशुपतिनाथ महादेव को पौधा समर्पित किया साथ इन्टरनेशनल पौधा-रस्म के तहत ठमेल नेपाल क्षेत्र में पर्यावरण प्रेमी ओमप्रकाश‌ कुमावत ने नेपाल के स्थानीय लोगों को एक व्यक्ति एक पौधा मिशन की जानकारी दी। पिछले 15 वर्षों से पर्यावरण जागृति व पशु पक्षियों की सेवा को समर्पित मिशन है उन्हें सोशल मीडिया पर पौधा -रस्म कार्यक्रमों से अवगत करवाया तभी नेपाल के स्थानीय लोगों ने पर्यावरण प्रेमी ओमप्रकाश‌ कुमावत के कार्यों की सराहना की। नेपाल ठमेल स्थानीय अभिषेक को पौधा गिफ्ट कर प्रेरित किया। विलुप्त गौरेया संरक्षण के लिए आनलाइन माध्यम से वेस्ट वस्तुओं से निमित्त गौरेया हाउस की जानकारी दी स्थानीय नेपाल के लोग गौरेया पक्षी को भंगेरा चरा बोलते हैं। इन्टरनेशनल पौधा-रस्म सहयोगी नरेंद्र कुमार ने बताया कि हम किसी भी देश में जाते हैं पौधा गिफ्ट करते हैं।ये मिशन की परम्परा है।पर्यावरण प्रेमी ओमप्रकाश‌ कुमावत ने बताया कि मुंबई इन्टरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे से पुर्व,भीमाशंकर,ज्योतिर्लिंग,त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र,काशी विश्वनाथ,ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश दर्शन किए।वहां की संस्कृति रुबरु हुए,श्रीलका की राजधानी कालंबो इन्टरनेशनल एयरपोर्ट पर ग्रीन वाल पर पर्यावरण प्रेमी ओमप्रकाश‌ कुमावत ने जन्मदिन पर पौधा -रस्म पोस्टर के माध्यम अन्तर्राष्ट्रीय दशकों का ध्यान आकर्षित कर पौधा रोपण के लिए प्रेरित किया। नेपाल देश भ्रमण के दौरान पाया की यहां के लोग पेड़ पौधे को अधिक महत्व देते हैं घर भले ही कच्चा है लेकिन उसके घर पौधा जरूर मिलेगा। कोई भी प्रतिष्ठान हो उसके यहां सुकुन के तौर पेड़ पौधे मिल जायेंगे। ये देखकर उन्हें बधाई दी। होटलों के छत युज वेस्ट-पर्यावरण बेस्ट माध्यम से गार्डन बने हुए।उनसे अपना अनुभव साझा किया। आप प्लास्टिक की वेस्ट वस्तुओं से निमित्त गमले बनाकर पौधा रोपित कर एक ग्रीन वाल भी बना सकते हैं जो अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटनो के लिए आकर्षक का केंद्र होगा। इन्टरनेशनल पौधा-रस्म यात्रा पर नरेंद्र कुमार,अभिषेक,रोबिन,अमीट सहित नेपाल वासियों का सहयोग रहा । नेपाल में भगवान बुध्द लुम्बीनी जन्म,भुमि,अभिलेख, अखण्ड ज्योति का दर्शन किए।

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