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पाली जिले में 250 केन्द्रो के माध्यम से शिक्षा का सारथी बना एकल अभियान अब महिलाओ को आत्मविश्वास एवं स्वावलंबन से जीवन जीने के लिए कर रहा है प्रेरित,

प्रधान संपादक रूपचंद मेवाड़ा सुमेरपुर

हिम्मत देवड़ा  फालना की रिपोर्ट

पाली जिले में 250 केन्द्रो के माध्यम से शिक्षा का सारथी बना एकल अभियान अब महिलाओ को आत्मविश्वास एवं स्वावलंबन से जीवन जीने के लिए कर रहा है प्रेरित,

पाली, संपूर्ण भारत में 95000 एकल विद्यालयों के माध्यम से आदिवासी एवं पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाने वाला एकल अभियान अब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है, बेडा गांव के वनवासी कल्याण परिषद छात्रावास में आयोजित बैठक में आदिवासी एवं पिछड़े क्षेत्र की 5000 महिलाओं को स्किल सीखाकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करने का निर्णय लिया गया, बैठक में उपस्थित संभाग सचिव रेवाशंकर जी रावल ने बताया की एकल के शिक्षा केन्द्रो पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर आदिवासी एवं ग्रामीण महिलाओं को हुनर सिखाया जाएगा, गोपाल सिंह जी राठौड़ सेवानिवृत्ति मुख्य प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक एवं असाइनमेंट हेड आरसेटी राजस्थान ने महिलाओं को स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया, बैठक में मुख्य वक्ता कैलाश जी गहलोत निर्देशक आरसेटी के द्वारा संस्थान द्वारा चलाए जा रहे सभी कोर्सेज एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा स्किल डेवलपमेंट के लिए किया जा रहे प्रयासों के बारे में बताते हुए आवेदन की प्रक्रिया एवं योग्यता संबंधित जानकारी प्रदान की, गहलोत ने बताया कि विकसित भारत संकल्प 2047 के तहत हमें हर हाथ को कम और हर व्यक्ति स्वाभिमान पूर्वक अपने हुनर से आत्मनिर्भर बने इसके लिए मिशन मोड पर काम किया जा रहा है, गहलोत ने बताया कि सिरोही पाली के बॉर्डर पर जनजाति बाहुल्य गांव मालणू में जल्द ही सिलाई सेंटर का शुभारंभ किया जायेगा, इसके लिए 35 महिलाओं का एक बेंच भी बनाया गया एवं उनके फॉर्म भरवाए गये, इस दौरान बैठक में अंचल अभियान प्रमुख तरुण कुमार संच अध्यक्ष श्रीमान रतन सिंह जी, बेड़ा ग्राम पंचायत के उप सरपंच, रथ आयोजन प्रमुख महेश जी शर्मा, कमला जी, सामताराम जी निर्मल जी उपस्थित रहे,

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