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पेंशनर के हितों पर कुठाराघात से सम्बन्धित सी.सी.ए. पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 को वापस लेने की मांग 

प्रधान संपादक रूपचंद मेवाड़ा सुमेरपुर

अरुण बैरवा सुमेरपुर की रिपोर्ट 

पेंशनर के हितों पर कुठाराघात से सम्बन्धित सी.सी.ए. पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 को वापस लेने की मांग

भारत सरकार ने संसद की मंजूरी के लिये वित विधेयक पेश करते समय भारत की संचित निधि से पेंशन देनदारियों पर व्यय के लिए केन्द्रिय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों और सिद्धान्तों की मान्यता के लिये एक अध्याय शामिल किया है। इसके माध्यम से सरकार को पेंशनभोगियों के बीच अन्तर स्थापित करने का अधिकार मिल गया है। जो केन्द्रिय वेतन आयोग की स्वीकृतसिफारिशों पर लागू हो सकता है और विशेष रूप से पेंशनभोगी की सेवा स्वीकृति की तारीख या केन्द्रिय वेतन आयोग की स्वीकृतसिफारिश के संचालन की तारीख के आधार पर अन्तर किया जा सकता है।

उक्त विधेयक के माध्यम सेआधार पर वर्गों में बांट कर भारतीय12.1982 के सर्वोच्च न्यायालय कीराजस्थान पेंशनर्स समाज इस हिटलरशाही वित विधेयक का घोर विरोध करता है, क्योंकि 7 वीं सी.पी.सी. जिसे 01.012016से पहले और 01.01.2016 के बाद सेवानिवृत पेंशनभोगियों के बीच समानता बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा स्वीकृत किया गयाथा। यह विधेयक इस प्रकार की समानता को खत्म कर देता हैं। इसके अलावा जब से 8 वीं सी.पी.सी. की घोषणा की गई हैं. देशभर से पेंशनभोगी अपने पेंशन संशोधन और 01.01.2026 से पहले सेवानिवृत हुए पेंशनभोगियों और 01.01.2016 (8 वीं सी.पी.सी. कीसिफारिशों की अपेक्षित तिथि) के बाद सेवानिवृत होने वाले पेंशनभोगियों के बीच समानता बनाये रखने के बारे में चितित हैं। वर्तमाननिर्णय पेंशनभोगियों पर एक बड़ा झटका है और इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार करने और इसे वापस लेने की आवश्यकताहै।केन्द्र सरकार ने पेंशनर्स को 8 वें वेतन आयोग के लाभ से वंचित करने व पेंशनरों का तिथि केसंविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन किया है साथ ही डी. एस. नकारा मामले में दिनाँक 17.संविधान पीठ के ऐतिहासिक निर्णय को चुनौती दी है।आपको अवगत करवा दें कि यदि विधेयक में पेंशनरों पर कुठाराघात सम्बन्धी बिन्दु नहीं हटाए गये तो राजस्थान पेंशनरसमाज को पूरे प्रदेश में आन्दोलनात्मक रुख अपनाने को मजबूर होना पड़ेगा। आज ज्ञापन के बाद आगे चरणबद्ध आन्दोलन कियाजायेगा। उम्र के इस पड़ाव में पेंशनरों को सड़क पर उतरने और आमरण अनशन पर बैठने की जिम्मेदार आपकी होगी

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