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परमात्मा के प्रति श्रद्धा से होती हैं प्रगति :- हीरापुरी

प्रधान संपादक रूपचंद मेवाड़ा सुमेरपुर

नटवर मेवाड़ा सांडेराव की रिपोर्ट 

परमात्मा के प्रति श्रद्धा से होती है प्रगति:- हिरापुरी

साण्डेराव। संत मनसुख हिरापुरीजी महाराज ने कहा कि जिस मनुष्य के जीवन मे धर्म के प्रति अडिग श्रद्धा हो,विवेक युक्त क्रिया हो एवं हृदय में कोमलता हो वही मनुष्य श्रेष्ठ है।वे रामेश्वर महादेव मंदिर रामनगर पर आयोजित सत्संग समारोह में प्रवचन दे रहे थे। संत हिरापुरीजी ने कहा कि मनुष्य का जीवन श्रद्धा से सौरभ बिखेरता है,लेता कुछ भी नही। आज का इंसान कागज के फुलो की तरह है। जिसके भीतर सुवास और कोमलता नजर ही नही आती।अगर मनुष्य के जीवन में परमात्मा के प्रति सभ्यग श्रद्धा,करूणा, मैत्री,क्षमा,सद्भावना,सहिष्णुता आदि सद्गुणो की सुवास न हो तो वह जीवन कागज का फुल ही होगा।इसलिए परमात्मा के प्रति खुब श्रद्धा रखकर जीवन में निरंतर प्रगति करते रहना चाहिए। संत ने कहा कि युवाओं को संस्कृति एवं संस्कार की प्रक्रिया को गहराई से अपनाना चाहिए।जिसमे संस्कृति की समझ है,वही संस्कार वान होने की डगर पर पांव रखते है। ’’संस्कृति’’ शब्द का अर्थ व्यापक यह जीवन की शुद्धियां परिष्कार व व्यक्ति को सवारने की किमती प्रक्रिया है। इस दौरान बडी संख्या मे गुरूभक्त उपस्थित थे।

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