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नेत्र हीन क्रिकेट टूर्नामेंट में बनासकांठा बनी चैंपियन

प्रधान संपादक रूपचंद मेवाड़ा सुमेरपुर

रूपचंद मेवाड़ा प्रधान संपादक 

नेत्रहीन क्रिकेट टूर्नामेंट में बनासकांठा बनी चैंपियन: दिव्यांग खिलाड़ियों की भावना को मिला नया उत्साह

 

सुमेरपुर, उत्तर गुजरात – महात्मा श्री लुइस ब्रेल की जयंती के अवसर पर उत्तर गुजरात दिव्यांग कल्याण संघ विसनगर द्वारा आयोजित दो दिवसीय नेत्रहीन क्रिकेट टूर्नामेंट का शानदार समापन हुआ। इस टूर्नामेंट ने दिव्यांग खिलाड़ियों के हौसले को एक नई दिशा दी और समावेशी खेलों के प्रति समाज की सोच को जागरूक किया।

 

इस टूर्नामेंट में चार प्रमुख टीमों मेहसाणा, बनासकांठा, कच्छ और सायला ने हिस्सा लिया। फाइनल मुकाबला सायला और बनासकांठा के बीच हुआ, जिसमें बनासकांठा की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 12 ओवर में 185 रन बनाये। सायला की टीम 166 रन ही बना सकी, और बनासकांठा ने 19 रन से यह मुकाबला जीतकर चैंपियन का खिताब हासिल किया।

 

मुख्य अतिथि पंकज राज मेवाड़ा ने चैम्पियन ट्रॉफी प्रदान की

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का शुभारंभ देवतुल्य चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया व आयोजक द्वारा अतिथियों का स्वागत गुलदस्ता देकर व दुपट्टा पहनाकर किया, मुख्य अतिथि के रूप में नवभारत सेवा चेरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक एवं अध्यक्ष पंकज राज मेवाड़ा ने टूर्नामेंट के विजेता टीम को ट्रॉफी सौंपी साथ ही वे बौर्ड ऑफ डिसेबल क्रिकेट एसोसिएशन इंडिया के चेयरमेन और तारा संस्थान उदयपुर के पाली और सिरोही जिला अध्यक्ष भी हैं। इस अवसर पर, मंत्री तारक भाई के. और विशिष्ट अतिथि के रूप में मानद मंत्री गांधीनगर जयंतीभाई बी. पटेल, प्रोफेसर एम.एन. कॉलेज के राजेशभाई जे. पटेल और पूर्व खेल निदेशक अंधजन मंडल, अहमदाबाद के गणपतभाई पटेल भी उपस्थित रहे।

 

अतिथियों द्वारा खिलाड़ियों का सम्मान टूर्नामेंट के समापन पर विभिन्न पुरस्कारों का वितरण कर किया गया, जिसमें ‘मैन ऑफ द मैच’, ‘बेस्ट बॉलर’, ‘बेस्ट बैट्समैन’, ‘बेस्ट फील्डर’, ‘मैन ऑफ द सीरीज’ के अलावा खिलाड़ियों को कैश पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इस पहल से यह संदेश गया कि खेलों के माध्यम से न केवल शारीरिक क्षमताओं को परखा जाता है, बल्कि मनोबल को भी मजबूत किया जाता है, खासकर जब खेल दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए हो।

 

समाज में जागरूकता का संदेश

यह टूर्नामेंट महज एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि दिव्यांग खिलाड़ियों के प्रति समाज की सोच को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। आयोजकों ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन से ना केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता है, बल्कि यह समाज में समानता और समावेशन की भावना को भी प्रोत्साहित करता है।

 

आयोजकों का योगदान

उत्तर गुजरात संस्था के प्रबंध ट्रस्टी अशोक भाई के. पटेल और मानद मंत्री श्रीमती सुरेखाबेन एस. पटेल ने इस आयोजन में पधारने के लिए अतिथियों को विशेष धन्यवाद दिया। मुख्य अतिथि मेवाड़ा ने अपने उद्धबोधन में कहा कि महात्मा श्री लुइस ब्रेल की जयंती पर इस तरह के आयोजनों का उद्देश्य दिव्यांग समुदाय को समाज के मुख्यधारा में लाना और उन्हें खेलों के माध्यम से भी सशक्त बनाना है।

इस टूर्नामेंट ने एक बार फिर साबित कर दिया कि खेल किसी भी प्रकार की शारीरिक चुनौती को पार करने का सबसे बेहतरीन जरिया हो सकते हैं, और इसने दिव्यांग खिलाड़ियों के भीतर नयी उम्मीद और आत्मविश्वास का संचार किया है।

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