संत मनसुख हिरापुरीजी महाराज ने भील-राणा परिवार की बैटी का कन्यादान करते हुऐ मायरे की रस्म निभाई।
प्रधान संपादक रूपचंद मेवाड़ा सुमेरपुर

संत मनसुख हिरापुरीजी महाराज ने भील -राणा परिवार की बैटी का कन्यादान करते हुऐ मायरे की रस्म निभाई
*हरि ओम आश्रम रामनगर में संतों के सानिध्य में धूम धाम के विवाह की रस्म पूरी।*
*साण्डेराव-* सुखी कुमारी पुत्र देवाराम राणा- भील परिवार निवासी रामनगर की शादी हरि ओम आश्रम रामनगर में संत मनसुख हिरापुरीजी महाराज की पावन निश्रा में गुरु भक्तों ने गाजों बाजों के साथ करवाई गई।सिरोही जिले के पाडिव गांव से खेताराम राणा बारात लेकर पहुंचा। सुमेरपुर जंवाई बांध सड़क मार्ग पर स्थित रामनगर गांव में हरि आश्रम में सेवा देने वाली एक गरीब परिवार की बेटी की शादी को बढ़ाया हाथ, हुए फेरे।
कहते हैं टूट जाते हैं गरीब के वो रिश्ते भी जो खास होते हैं और दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं जब पैसे पास होते हैं। लेकिन रामनगर गांव में एक गरीब के घर का नजारा कुछ और ही बयां कर रहा था। यहां मानवता और संवेदनशीलता दिखाई दे रही थी। रामनगर गांव में देवाराम राणा-भील परिवार की पुत्री सुखी की शादी 12 मई सोमवार को तय हो गई, इधर उसकी स्थिति से पुरी तरह से वाकिफ संत ने देवाराम कों दों दिन पहले आश्रम में बुलाकर कहा कि सुखी की शादी के बारे में बिल्कुल चिंता मत करना उसने यहां आश्रम में सेवा दीं हैं इसलिए इसकी शादी का खर्च में उठाऊंगा तुम तो तैयारिया शुरू करो। हिरापुरीजी महाराज ने गुरु भक्तों के साथ देवाराम राणा-भील के घर सोमवार अल सुबह सिरोही जिले के पाडिव गांव से पहुंचे दुल्हे खेताराम के साथ बारिकियों की खातिर दारी में आश्रम के द्वारा खोल दिये। इधर देवाराम के घर आगन में वर-वधू शादी मंडप में बैठे विवाह की हर रस्म मायरे से लेकर हस्त मिलाप, सात फेरे, कन्या दान के बाद भोजन प्रसाद की व्यवस्था संत मनसुख हिरापुरीजी महाराज की और से की गई।
*हरि आश्रम में सभी सुविधा उपलब्ध कराई*
सुखी के श्रृंगार प्रसाधन,वस्त्र, बारातियों के स्वागत सहित भोजन- पानी का व्यवस्था भी संत ने की है। और तो और संत के साथ गुरु भक्त भी बारातियों के खातिर भाव में लगे रहे। पत्रकारों की और से पूछने पर संत मनसुख हिरापुरीजी महाराज ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करने में आत्म सुख की अनुभूति होती है। उन्होंने पहले भी लोगों को शादी विवाह आदि में सहयोग किया है।