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केसरपुरा गाँव ने “हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान” का संकल्प लिया 

प्रधान संपादक रूपचंद मेवाड़ा सुमेरपुर

रूपचंद मेवाड़ा प्रधान संपादक 

केसरपुरा गाँव ने “हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान” का संकल्प लिया

*हार्टफुलनेस संस्थान के ‘एकात्म अभियान’ ने सामुदायिक योग, पर्यावरण संरक्षण और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया*

केसरपुरा, 1 मई 2025:** हार्टफुलनेस संस्थान के ‘एकात्म अभियान’ के तहत केसरपुरा गाँव में एक प्रेरणादायक पहल शुरू की गई, जिसमें ग्रामीणों ने नियमित ध्यान, योगाभ्यास और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। ग्राम विकास अधिकारी श्री रविंद्र पाल सिंह के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में 70 से अधिक ग्रामीणों ने सामूहिक हार्टफुलनेस ध्यान (मेडिटेशन) किया और गाँव में 15 ‘परिंडे’ (पक्षियों के लिए जलपात्र) स्थापित किए।

आयोजन के मुख्य बिंदु:**

– सामूहिक ध्यान सत्र के माध्यम से ग्रामीणों ने मानसिक शांति ,दैनिक जीवन में सरल योग के महत्त्व का अनुभव किया

– गाँव में पक्षियों के लिए जलपात्र (परिंडे) लगाए गए, जिससे जैवविविधता संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा

– स्वयंसेवक श्रीमती नयना जैन और सुश्री ज्योति कुमावत ने ग्रामीणों को योगाभ्यास कराया

अतिथियों के विचार:**

हार्टफुलनेस प्रतिनिधि **श्री चेतन अरोड़ा** ने कहा, *”यह अभियान हमारे गुरु श्री कमलेश जी के मार्गदर्शन में चल रहा है, जिसका उद्देश्य मस्तिष्क की जटिलताओं से हृदय की सरलता की ओर बढ़ना है। हम चाहते हैं कि गाँव का प्रत्येक निवासी ध्यान को अपनी दिनचर्या का अंग बनाए।”*

ग्राम विकास अधिकारी श्री रविंद्र पाल सिंह** ने कहा, *”हार्टफुलनेस के साथ यह सहयोग गाँव के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।”*

सर्वे भवंतु सुखिन के प्रतिनिधि श्री परेश जैन** (IIT) ने बताया, *”वैज्ञानिक शोधों से सिद्ध हुआ है कि ध्यान से मानसिक स्थिरता और भावनात्मक संतुलन प्राप्त होता है। इसे दैनिक जीवन में अपनाना चाहिए।”*

*समाजसेवियों का योगदान:**

**श्री सुरेश छगन जी सुथार**, **श्री रवि सुथार** और **सीए मनोज सिंहल** ने भी इस पहल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।

कार्यक्रम के समापन पर श्री चेतन अरोड़ा ने सभी ग्रामवासियों से आग्रह किया कि वे अपने घरों में कम से कम **एक पौधा और एक परिंडा** अवश्य लगाएं तथा नियमित ध्यान को जीवनशैली का हिस्सा बनाएँ।

इस पहल के माध्यम से केसरपुरा गाँव ने न केवल स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूकता दिखाई, बल्कि समुदाय आधारित विकास की एक अनुकरणीय मिसाल भी प्रस्तुत की।

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