अधिकतर युवा वर्ग गेमलिंग की चपेट मे, इस पर रोक लगाने की मांग
प्रधान संपादक रूपचंद मेवाड़ा सुमेरपुर

रूपचंद मेवाड़ा प्रधान संपादक की रिपोर्ट
इस समय देश का अधिकांश युवा वर्ग *Gamblng* की चपेट में है, देश में इस समय *IPL* शुरू है, और चलेगा वो कारोबार, जो निरन्तर युवाओं को कर्जे की दुनिया में धकेल रहा है।
*क्रिकेटर* के करोड़ों-अरबों पक्के हैं, चाहे वो उन्हें *खेलकर* मिलें या लोगों को *खिलाकर*। कम्पनी भी करोड़ों कमा लेगी, *BCCI* भी करोड़ों निकाल लेगी, टीमों के मालिक भी कमा लेंगे, लेकिन बर्बाद होंगे हमारे *समाज के युवा, बर्बाद होंगे इस समाज के बच्चे ,बर्बाद होंगे फाइनेंशियल लॉस –* इसमें आपकी सारी सेविंग खत्म हो जाती है, आप पर *दोस्तों का, बैंक का, परिचितों का कर्जा* हो जाता है।
*प्रोडक्टिविटी लॉस –* आपका काम करने में कहीं मन नहीं लगता। हर बार इस बार जीतने की चाहत आपका पीछा नहीं छोड़ती और हमेशा धकेलती है और बड़े कर्जे में डाल देती है।
*लॉस ऑफ लाइफ –* कर्जे की दुनिया में घुसने के बाद लोग *गम्भीर अवसाद* की दुनिया में चले जाते हैं। जहां से वापस आ पाना उनके लिए बहुत मुश्किल हो जाता है और कर्जा भरने से आसान उन्हें अपना *जीवन समाप्त* करना लगता है।
ये *जानलेवा व्यापार* आखिर रुक क्यों नहीं रहा है..? इन *गेमिंग इण्डस्ट्रीज* ने तीन सालों में कैसे *10 हजार करोड़ से 125 हजार करोड़* की यात्रा की। रोज इतने सारे नये *खतरनाक स्टार्ट* अप कैसे हो रहे हैं..? *शॉर्टकट* रास्ते से कुछ हासिल नहीं होगा, मेहनत कीजिए अपने बच्चों का ख्याल रखें कहीं इस गन्दगी कि चपेट तो नहीं आ गया है।
आखिर खामोश क्यों है सरकार…?*
अब सवाल ये उठता है, कि आखिर *ऑनलाइन गेमिंग* को लेकर *सरकार* क्यों नहीं कुछ कर रही है…? आखिर *कोर्ट* क्या कर रही है…? आखिर *प्रसाशन* क्या कर रहा है..? ये *प्रतिनिधि* गण क्या कर रहें है…?
इस समय देश में *Dream 11, MPL, My Circle 11* जैसे सैकड़ों *ऑनलाइन गेमिंग* या सीधे शब्दों में कहें तो सैकड़ों *ऑनलाइन बैटिंग* करवाने वाले एप की बाढ़ सी आई हुई है और देश में एका-एक *कर्जदार* और *मानसिक रोगियों* की संख्या बढ़ रही है। ये हम नहीं कह रहें हैं बल्कि इस कड़वी सच्चाई को उजागर कर रहे हैं।देश के प्रतिष्ठित डॉक्टर और आम जन। अत सतर्कता ही इसका निवारण है। यह चीज हर किसी को पढ़ना और समझना चाहिए क्या यह सही है या गलत अपनी राय आप जरुर दें…✍🏻
सदैव सकारात्मक रहे जो प्राप्त है वो ही पर्याप्त है, इसी सोच के साथ अपना और अपने परिवार के स्वास्थ्य का ख्याल हुये सदैव हंसते रहें, मुस्काराते रहें और चलते रहें जोश, जुनून व जज्बे के साथ…✍️
*वो हाथ सदा पवित्र होते है, जो प्रार्थना से ज्यादा सेवा के लिये उठते है…*
आवो हम सब मिलकर इसका विरोध करें और सरकार से अनुरोध करें कि इस तुरंत प्रतिबंध लगाया जाये बहुत युवक आत्म हत्या कर रहे है और बर्बाद हो रहे है 🙏